हमारी दुनिया में 5G नेटवर्क दस्तक देने वाला है, यानी मोबाइल नेटवर्क की पांचवीं जेनेरेशन - और ये पहले के मोबाइल नेटवर्क्स से बिल्कुल अलग होने वाला है. ये नई तकनीक आपके इंटरनेट इस्तेमाल करने के अनुभव को बदलेगी ही, आपके रोज़मर्रा के काम भी बेहद आसान कर देगी. जिससे बड़े डेटा को आसानी से डाउनलोड और अपलोड किया जा सकेगा.यह तकनीक पूरी तरह से रेडियो स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण होगी और इससे एक साथ कई डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा.

अभी तक 4जी पर आप 4K वीडियो ही देख पा रहे हैं, लेकिन 5जी नेटवर्क पर आप 8के रिजॉल्यूशन वाले वीडियो देख सकते हैं और वह भी बिना बफर किए और बिना अटके। दरअसल 5जी नेटवर्क में डाटा ट्रांसफर बहुत तेजी से होता है और उसी वजह से वीडियो कंटेंट फास्ट लोड होते हैं।
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5G Network



क्या है 5G नेटवर्क ? What is 5G Network ?

5G को हम एक इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड कहा जा सकता है, जो वर्तमान में चल रही 4G LTE स्टैण्डर्ड से भी ज्यादा फ़ास्ट होने वाला है। उसी तरह जैसे 3G की जगह पर 4G आया है, उसी तरह से 4G के स्थान पर पांचवी पीढ़ी का नेटवर्क 5G के तौर पर सामने आया है, इसे आप एक नई पीढ़ी का स्टैण्डर्ड कह सकते हैं। 

कितना तेज़ होने वाला है 5G नेटवर्क ? What is the fastest Speed of 5G Network ?


4G, 3G नेटवर्क का उत्तराधिकारी है, 4G, 3G नेटवर्क की तुलना में लगभग 5 से 7 गुना तेज है। यह 100 एमबीपीएस से 1 जीबीपीएस तक की गति प्रदान करता है ।

5G नेटवर्क को लेकर सभी उत्साहित हैं, और ऐसा माना जा रहा है कि 4G  नेटवर्क के मुकाबले यह काफी तेज़ होने वाला है। अगर हम 4G नेटवर्क की चर्चा करें  तो यह आपको 100 मेगाबाईट यानी 100 Mbps प्रति सेकंड की स्पीड देने में सक्षम हैं, वहीँ 5G नेटवर्क को लेकर कहा जा रहा है कि यह 10 Gigabites प्रतिसेकंड यानी 10 Gbps की स्पीड के साथ आने वाला है। इसका मतलब है कि 4G के मुकाबले 5G नेटवर्क 100 गुना ज्यादा तेज़ होने वाला है। यह अभी तक की सबसे ज्यादा इन्टरनेट स्पीड होने वाली है। 

5G नेटवर्क कैसे करेगा काम? how 5G network works ?

5G नेटवर्क में एक बिलकुल ही नए रेडियो स्पेक्ट्रम बैंड पर काम करता है, आपको बता देते हैं कि 5G मिलीमीटर वेव्स कस इस्तेमाल करता है, इसके बाद एक फ्रीक्वेंसी ( Frequency ) को ब्रोडकास्ट ( Broadcast) करता है, जो 30 से 300 GHz पर काम करता है, इसके पहले यह 6GHz पर काम करता है। अर्थात् 4G के लिए वर्तमान में इस बैंड का इस्तेमाल किया जाता है। अभी तक इस तकनीकी को सॅटॅलाइट ( satellite ) और राडार सिस्टम  (Radar ) के बीच में कम्युनिकेशन ( Communication ) के लिए इस्तेमाल किया जाता था,  हालाँकि मिलीमीटर तरंगें ( Millimeter Waves ) किसी भी बिल्डिंग या अन्य किसी सॉलिड ऑब्जेक्ट के बीच में से से आसानी से ट्रेवल नहीं कर सकती हैं, इसके कारण ही 5G को स्मॉल सेल्स का भी एडवांटेज मिलता है। इसके लिए लगभग हर 250 मीटर पर एक स्मॉलर मिनिएचर आधारित स्टेशन स्थापित किया गया है। इसके कारण ही किसी भी जगह पर आपको बढ़िया कवरेज मिलती है। 

यह बेस स्टेशन massive MIMO का भी इस्तेमाल करते हैं। MIMO का मतलब है कि मल्टीपल इनपुट और मल्टीपल आउटपुट( Multiple Input and Multiple output )। ऐसा भी हो सकता है कि आपके पास एक होम वायरलेस राऊटर हो जो MIMO तकनीकी पर काम करता हो, जिसका मतलब है कि इसके पास बहुत से एंटेना हैं, जो कई अलग अलग डिवाइस के बीच आसानी से समन्वय बैठाकर काम कर सकता है। Massive MIMO एक ही समय में एक ही बेस स्टेशन पर एक ही समय में बहुत से एंटेना को इस्तेमाल कर सकते हैं। अन्य कई चीजों के कारण भी यह नेटवर्क इतना स्ट्रोंग बन जाता है। 



मिलीमीटर  तरंगे ( Millimeter Waves )

मिलीमीटर तरंगें विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का क्षेत्र है जहाँ तरंगदैर्घ्य 10 मिलीमीटर (0.4 इंच) से 1 मिलीमीटर (0.04 इंच) तक होता है ।



मिलीमीटर तरंगें इंफ्रारेड तरंगों या एक्स-रे से लंबी होती हैं, लेकिन माइक्रोवेव या रेडियो तरंगों से कम होती हैं। मिलीमीटर तरंगों को अत्यधिक उच्च आवृत्ति (EHF) के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि रेडियो आवृत्ति का बैंड विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में 30 से 300 गीगाहर्ट्ज़ (GHz) के बीच होता है। इस बैंड में रेडियो तरंगों में 10 से 1 मिलीमीटर तक की तरंग दैर्ध्य होती है यही कारण है कि इसे मिलीमीटर बैंड कहा जाता है। मिलीमीटर तरंगों का एक नुकसान यह है कि वे बहुत लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर सकते हैं क्योंकि आम तौर पर वे वायुमंडल में गैसों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। ऐसे में हो सकता है कि इन मिलीमीटर तरंगों को प्रसारित करने के लिए कम ऊंचाई वाले टेलिफ़ोन टावर लगाने पड़े जो एक दूसरे के अधिक नज़दीक होंगे.



मिलीमीटर तरंगें बिंदु A से बिंदु B तक सीधी रेखाओं में यात्रा करती हैं, जिसका अर्थ है कि बीच में कोई हस्तक्षेप संचरण को अवरुद्ध कर सकता है। यहां तक ​​कि एक जानवर भी और बिंदु A और बिंदु B के बीच चलने वाला मानव संचरण को अवरुद्ध कर सकता है।
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How 5G Networks Works




इन चुनौतियों से निपटने के लिए दो समाधान हैं:  

बीमफॉर्मिंग और बीम ट्रैकिंग । सरल शब्दों में बीमफॉर्मिंग का मतलब है कि रेडियो तरंगों के बीम को सीधे आपके मोबाइल पर भेजें, लेकिन व्यवधान के कारण कभी बीम काम भी नहीं कर सकता है यही कारण है कि आपके फोन की ओर कई बीम हो सकते हैं और आपका फोन बीम-ट्रैकिंग के माध्यम से सबसे मजबूत बीम पकड़ता है। 



यदि प्रेषक और रिसीवर एक सीधी रेखा में नहीं हैं, तो बीम को किसी सतह से एक सटीक कोण पर  भेजा जा सकता है तब बीम ट्रैकिंग जैसा उपकरण सबसे मजबूत सिग्नल का उपयोग कर सकता है। यहां तक ​​कि मोबाइल एंटीना पर आपके हाथ की हस्तक्षेप भी बीम को अवरुद्ध कर सकता है। कंपनियां इस संबंध में काम कर रही हैं और मोबाइल फोन के कोने पर 2 एंटेना का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है।



छोटे सेल नेटवर्क (Small Cell Network)



छोटे सेल नेटवर्क एक तरह के सब नेटवर्क होते हैं जिन्हें एक बड़े मैक्रो नेटवर्क के साथ लागू किया जा सकता है, उदाहरण के लिए एक बिल्डिंग में छोटे नेटवर्क को पिको सेल कह सकते हैं।



छोटे सेल नेटवर्क 5G नेटवर्क को विस्तृत क्षेत्र तक पहुँचने में मदद कर सकते हैं ।



5 जी तकनीक 2 प्रकार के टावरों का उपयोग करेगी। एक बड़ा टॉवर है और हम इसे मैक्रो नेटवर्क  कह सकते हैं और एक छोटा टॉवर, जिसे हम छोटा सेल नेटवर्क कह सकते हैं।यह हाई फ्रीक्वेंसी बैंड पर काम करेगा, 3.5GHz से 26GHz या उससे भी ज्यादा पर. इस फ्रीक्वेंसी बैंड में वेव लेंथ छोटे होते हैं. लेकिन परेशानी यह है कि छोटे वेव लेंथ को आसानी से रोका जा सकता है.



जबकि मैक्रो बड़े क्षेत्रों के लिए पर्याप्त है, छोटे सेल नेटवर्क कम दूरी के लिए हैं और इसका उपयोग शहरों या भवन के अंदर किया जा सकता है।



 छोटे सेल नेटवर्क  एक प्रकार के वायरलेस ट्रांसमीटर और रिसीवर हैं।



5 जी प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग - Uses of 5G technology




1. स्मार्ट होम्स - (Smart Homes)



दूर से घर का प्रबंधन करने के लिए घरेलू उपकरणों को एक साथ जोड़ा जा सकता है। संभावना है कि जब आप घर पहुंचेंगे तो आपका भोजन तैयार हो सकता है। 5g के माध्यम से सभी घरेलू उपकरण वास्तविक समय में एक दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं और दूरस्थ क्षेत्रों से निगरानी की जा सकती है।



स्मार्ट होम्स अब एक कल्पना नहीं हैं, कई कंपनियां इस सेगमेंट में काम कर रही हैं



 2. स्वचालित कारें- (Self Driving Car)



5G वास्तव में सेल्फ ड्राइविंग कार तकनीक को बढ़ावा देगा क्योंकि स्वयं ड्राइविंग कारों को वास्तविक समय में अपना स्थान जानने के लिए अन्य कारों के साथ संवाद करने की आवश्यकता होती है।स्वचालित कारें भी एक दूसरे से बेहतर संवाद कर पाएंगी और यातायात और मैप्स से जुड़ा डेटा लाइव साझा कर पाएंगी.

किसी भी संभावित टकराव से बचने के लिए हर निर्णय को मिलीसेकंड में  लिए जाने की आवश्यकता पड़ती है।



3. तेज़ नेटवर्क - (Fastest Network)



5G Network हमें 10 से 20 जीबीपीएस की गति से डेटा डाउनलोड करने की अनुमति देगी जो फाइबर ऑप्टिक्स गति के समान है। 5G पर वॉयस और हाई स्पीड डेटा को एक साथ ट्रांसफर किया जा सकता है। 


ऐसे में हो सकता है कि इन मिलीमीटर तरंगों को प्रसारित करने के लिए कम ऊंचाई वाले टेलिफ़ोन टावर लगाने पड़े जो एक दूसरे के अधिक नज़दीक होंगे.

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